श्लोक - १२६४

श्लोक 1264
श्लोक #१२६४
'अस्मान् विहाय गतवान् प्रत्येगच्छेत् प्रियोऽद्य स: ।
इति मत्वा मनो वृक्षशाखामास्थाय पश्यति ॥

Tamil Transliteration
Kootiya Kaamam Pirindhaar Varavullik
Kotuko Terumen Nenju.

Sectionभाग–३: काम-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 121 to 133
chapterकामुकयोरन्योन्यव्यसनम्