श्लोक - १२६३
जयैषी धैर्यसाह्येन प्रियो देशान्तरं ययौ ।
अहमद्यापि जीवामि तदागमनकांक्ष्या ॥
Tamil Transliteration
Urannasaii Ullam Thunaiyaakach Chendraar
Varalnasaii Innum Ulen.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | कामुकयोरन्योन्यव्यसनम् |