श्लोक - १२६२
त्यक्त्वा गतं प्रियं चाहं विस्मरेय यदि प्रिये ! ।
स्कन्धाभ्यां हीनशोभाभ्यां स्त्रस्ता: स्युर्वलयास्तदा ॥
Tamil Transliteration
Ilangizhaai Indru Marappinen Tholmel
Kalangazhiyum Kaarikai Neeththu.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | कामुकयोरन्योन्यव्यसनम् |