श्लोक - १२६१
प्रियगमपथं प्रेक्ष्य नेत्रे स्यातं च निष्प्रभे ।
गाताह्नां गणनात् स्त्रीणामङ्गुल्य: क्षीणतां गता: ॥
Tamil Transliteration
Vaalatrup Purkendra Kannum Avarsendra
Naalotrith Theyndha Viral.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | कामुकयोरन्योन्यव्यसनम् |