श्लोक - १२४१
दु:खरूपामयं हन्तुमेकं भेषजमस्ति चेत् ।
हे चित्त ! सम्यगालेच्य न ब्रूया: किन्तु तत्तु मे ॥
Tamil Transliteration
Ninaiththondru Sollaayo Nenje Enaiththondrum
Evvanoi Theerkkum Marundhu.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | मनस्येव कथनम् |