श्लोक - १२४२
कामुके मयि चाप्रीते हे चित्त ! त्वं परं कुत: ? ।
स्मृत्वा तं दु:खमाप्नोषि भ्रान्तस्त्वं विजयी भवा ॥
Tamil Transliteration
Kaadhal Avarilar Aakanee Novadhu
Pedhaimai Vaazhiyen Nenju.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | मनस्येव कथनम् |