श्लोक - ११५७
कृशहस्तप्रकोष्ठाभ्यां निस्सृता वलयालय: ।
किं नायकवियोगं न कथयेयुर्जनान् प्रति ॥
Tamil Transliteration
Thuraivan Thurandhamai Thootraakol Munkai
Iraiiravaa Nindra Valai.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | वियोगसहनम् |