श्लोक - ११५६
वियोगविषयं वक्तुं यो भवेन्निर्दय: प्रिय: ।
प्रत्यागत्य पुन: प्रीतिं स कथं दर्शयेत् त्वयि ॥
Tamil Transliteration
Pirivuraikkum Vankannar Aayin Aridhavar
Nalkuvar Ennum Nasai.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | वियोगसहनम् |