सर्वगुणपूर्णता

Verses

श्लोक #९८१
जो सब गुण हैं पालते, समझ योग्य कर्तव्य ।
उनकों अच्छे कार्य सब, सहज बने कर्तव्य ॥

Tamil Transliteration
Katanenpa Nallavai Ellaam Katanarindhu
Saandraanmai Merkol Pavarkku.

Explanations
श्लोक #९८२
गुण-श्रेष्ठता-लाभ ही, महापुरुष को श्रेय ।
अन्य लाभ की प्राप्ति से, श्रेय न कुछ भी ज्ञेय ॥

Tamil Transliteration
Kunanalam Saandror Nalane Piranalam
Ennalaththu Ulladhooum Andru.

Explanations
श्लोक #९८३
लोकोपकारिता, दया, प्रेम हया औ’ साँच ।
सुगुणालय के थामते, खंभे हैं ये पाँच ॥

Tamil Transliteration
Anpunaan Oppuravu Kannottam Vaaimaiyotu
Aindhusaal Oondriya Thoon.

Explanations
श्लोक #९८४
वध-निषेध-व्रत-लाभ ही, तप को रहा प्रधान ।
पर-निंदा वर्जन रही, गुणपूर्णता महान ॥

Tamil Transliteration
Kollaa Nalaththadhu Nonmai Pirardheemai
Sollaa Nalaththadhu Saalpu.

Explanations
श्लोक #९८५
विनयशीलता जो रही, बलवानों का सार ।
है रिपु-रिपुता नाश-हित, सज्जन का हथियार ॥

Tamil Transliteration
Aatruvaar Aatral Panidhal Adhusaandror
Maatraarai Maatrum Patai.

Explanations
श्लोक #९८६
कौन कसौटी जो परख, जाने गुण-आगार ।
है वह गुण जो मान ले, नीचों से भी हार ॥

Tamil Transliteration
Saalpirkuk Kattalai Yaadhenin Tholvi
Thulaiyallaar Kannum Kolal.

Explanations
श्लोक #९८७
अपकारी को भी अगर, किया नहीं उपकार ।
होता क्या उपयोग है, हो कर गुण-आगार ॥

Tamil Transliteration
Innaasey Thaarkkum Iniyave Seyyaakkaal
Enna Payaththadho Saalpu.

Explanations
श्लोक #९८८
निर्धनता नर के लिये, होता नहिं अपमान ।
यदि बल है जिसको कहें, सर्व गुणों की खान ॥

Tamil Transliteration
Inmai Oruvarku Ilivandru Saalpennum
Thinmai Un Taakap Perin.

Explanations
श्लोक #९८९
गुण-सागर के कूल सम, जो मर्यादा-पाल ।
मर्यादा छोड़े नहीं, यद्यपि युगान्त-काल ॥

Tamil Transliteration
Oozhi Peyarinum Thaampeyaraar Saandraanmaikku
Aazhi Enappatu Vaar.

Explanations
श्लोक #९९०
घटता है गुण-पूर्ण का, यदि गुण का आगार ।
तो विस्तृत संसार भी, ढो सकता नहिं भार ॥

Tamil Transliteration
Saandravar Saandraanmai Kundrin Irunilandhaan
Thaangaadhu Manno Porai.

Explanations
🡱