श्लोक - ९८२

श्लोक 982
श्लोक #९८२
गुण-श्रेष्ठता-लाभ ही, महापुरुष को श्रेय ।
अन्य लाभ की प्राप्ति से, श्रेय न कुछ भी ज्ञेय ॥

Tamil Transliteration
Kunanalam Saandror Nalane Piranalam
Ennalaththu Ulladhooum Andru.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 101 to 108
chapterसर्वगुणपूर्णता