शिष्टाचार

Verses

श्लोक #९९१
मिलनसार रहते अगर, सब लोगों को मान ।
पाना शिष्टाचार है, कहते हैं आसान ॥

Tamil Transliteration
Enpadhaththaal Eydhal Elidhenpa Yaarmaattum
Panputaimai Ennum Vazhakku.

Explanations
श्लोक #९९२
उत्तम कुल में जन्म औ’, प्रेम पूर्ण व्यवहार ।
दोनों शिष्टाचार के, हैं ही श्रेष्ठ प्रकार ॥

Tamil Transliteration
Anputaimai Aandra Kutippiraththal Ivvirantum
Panputaimai Ennum Vazhakku.

Explanations
श्लोक #९९३
न हो देह के मेल से, श्रेष्ठ जनों का मेल ।
आत्माओं के योग्य तो, हैं संस्कृति का मेल ॥

Tamil Transliteration
Uruppoththal Makkaloppu Andraal Veruththakka
Panpoththal Oppadhaam Oppu.

Explanations
श्लोक #९९४
नीति धर्म को चाहते, जो करते उपकार ।
उनके शिष्ट स्वभाव को, सराहता संसार ॥

Tamil Transliteration
Nayanotu Nandri Purindha Payanutaiyaar
Panpupaa Raattum Ulaku.

Explanations
श्लोक #९९५
हँसी खेल में भी नहीं, निंदा करना इष्ट ।
पर-स्वभाव ज्ञाता रहें, रिपुता में भी शिष्ट ॥

Tamil Transliteration
Nakaiyullum Innaa Thikazhchchi Pakaiyullum
Panpula Paatarivaar Maattu.

Explanations
श्लोक #९९६
शिष्टों के आधार पर, टिकता है संसार ।
उनके बिन तो वह मिले, मिट्टी में निर्धार ॥

Tamil Transliteration
Panputaiyaarp Pattuntu Ulakam Adhuindrel
Manpukku Maaivadhu Man.

Explanations
श्लोक #९९७
यद्यपि हैं रेती सदृश, तीक्षण बुद्धि-निधान ।
मानव-संस्कृति के बिना, नर हैं वृक्ष समान ॥

Tamil Transliteration
Arampolum Koormaiya Renum Marampolvar
Makkatpanpu Illaa Thavar.

Explanations
श्लोक #९९८
मित्र न रह जो शत्रु हैं, उनसे भी व्यवहार ।
सभ्य पुरुष का नहिं किया, तो वह अधम विचार ॥

Tamil Transliteration
Nanpaatraar Aaki Nayamila Seyvaarkkum
Panpaatraar Aadhal Katai.

Explanations
श्लोक #९९९
जो जन कर सकते नहीं, प्रसन्न मन व्यवहार ।
दिन में भी तम में पड़ा, है उनका संसार ॥

Tamil Transliteration
Nakalvallar Allaarkku Maayiru Gnaalam
Pakalumpaar Pattandru Irul.

Explanations
श्लोक #१०००
जो है प्राप्त असभ्य को, धन-सम्पत्ति अमेय ।
कलश-दोष से फट गया, शुद्ध दूध सम ज्ञेय ॥

Tamil Transliteration
Panpilaan Petra Perunjelvam Nanpaal
Kalandheemai Yaaldhirin Thatru.

Explanations
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