वार- वनिता

Verses

श्लोक #९११
चाह नहीं है प्रेमवश, धनमूलक है चाह ।
ऐसी स्त्री का मधुर वच, ले लेता है आह ॥

Tamil Transliteration
Anpin Vizhaiyaar Porulvizhaiyum Aaidhotiyaar
Insol Izhukkuth Tharum.

Explanations
श्लोक #९१२
मधुर वचन है बोलती, तोल लाभ का भाग ।
वेश्या के व्यवहार को, सोच समागम त्याग ॥

Tamil Transliteration
Payandhookkip Panpuraikkum Panpin Makalir
Nayandhookki Nallaa Vital.

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श्लोक #९१३
पण-स्त्री आलिंगन रहा, यों झूठा ही जान ।
ज्यों लिपटे तम-कोष्ठ में, मुरदे से अनजान ॥

Tamil Transliteration
Porutpentir Poimmai Muyakkam Iruttaraiyil
Edhil Pinandhazheei Atru.

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श्लोक #९१४
रहता है परमार्थ में, जिनका मनोनियोग ।
अर्थ-अर्थिनी तुच्छ सुख, करते नहिं वे भोग ॥

Tamil Transliteration
Porutporulaar Punnalan Thoyaar Arutporul
Aayum Arivi Navar.

Explanations
श्लोक #९१५
सहज बुद्धि के साथ है, जिनका विशिष्ट ज्ञान ।
पण्य-स्त्री का तुच्छ सुख, भोगेंगे नहिं जान ॥

Tamil Transliteration
Podhunalaththaar Punnalam Thoyaar Madhinalaththin
Maanta Arivi Navar.

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श्लोक #९१६
रूप-दृप्त हो तुच्छ सुख, जो देती हैं बेच ।
निज यश-पालक श्रेष्ठ जन, गले लगें नहिं, हेच ॥

Tamil Transliteration
Thannalam Paarippaar Thoyaar Thakaiserukkip
Punnalam Paarippaar Thol.

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श्लोक #९१७
करती है संभोग जो, लगा अन्य में चित्त ।
उससे गले लगे वही, जिसका चंचल चित्त ॥

Tamil Transliteration
Nirainenjam Illavar Thoivaar Piranenjir
Penip Punarpavar Thol.

Explanations
श्लोक #९१८
जो स्त्री है मायाविनी, उसका भोग विलास ।
अविवेकी जन के लिये, रहा मोहिनी-पाश ॥

Tamil Transliteration
Aayum Arivinar Allaarkku Anangenpa
Maaya Makalir Muyakku.

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श्लोक #९१९
वेश्या का कंधा मृदुल, भूषित है जो खूब ।
मूढ-नीच उस नरक में, रहते हैं कर डूब ॥

Tamil Transliteration
Varaivilaa Maanizhaiyaar Mendhol Puraiyilaap
Pooriyarkal Aazhum Alaru.

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श्लोक #९२०
द्वैध-मना व्यभिचारिणी, मद्य, जुए का खेल ।
लक्ष्मी से जो त्यक्त हैं, उनका इनसे मेल ॥

Tamil Transliteration
920 Irumanap Pentirum Kallum Kavarum
Thiruneekkap Pattaar Thotarpu.

Explanations
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