मद्य- निषेध

Verses

श्लोक #९२१
जो मधु पर आसक्त हैं, खोते हैं सम्मान ।
शत्रु कभी डरते नहीं, उनसे कुछ भय मान ॥

Tamil Transliteration
Utkap Pataaar Oliyizhappar Egngnaandrum
Katkaadhal Kontozhuku Vaar.

Explanations
श्लोक #९२२
मद्य न पीना, यदि पिये, वही पिये सोत्साह ।
साधु जनों के मान की, जिसे नहीं परवाह ॥

Tamil Transliteration
Unnarka Kallai Unilunka Saandroraan
Ennap Pataventaa Thaar.

Explanations
श्लोक #९२३
माँ के सम्मुख भी रही, मद-मत्तता खराब ।
तो फिर सम्मुख साधु के, कितनी बुरी शराब ॥

Tamil Transliteration
Eendraal Mukaththeyum Innaadhaal Enmatruch
Chaandror Mukaththuk Kali.

Explanations
श्लोक #९२४
जग-निंदित अति दोषयुत, जो हैं शराबखोर ।
उनसे लज्जा-सुन्दरी, मूँह लेती है मोड़ ॥

Tamil Transliteration
Naanennum Nallaal Purangotukkum Kallennum
Penaap Perungutrath Thaarkku.

Explanations
श्लोक #९२५
विस्मृति अपनी देह की, क्रय करना दे दाम ।
यों जाने बिन कर्म-फल, कर देना है काम ॥

Tamil Transliteration
Kaiyari Yaamai Utaiththe Porulkotuththu
Meyyari Yaamai Kolal.

Explanations
श्लोक #९२६
सोते जन तो मृतक से, होते हैं नहिं भिन्न ।
विष पीते जन से सदा, मद्यप रहे अभिन्न ॥

Tamil Transliteration
Thunjinaar Seththaarin Verallar Egngnaandrum
Nanjunpaar Kallun Pavar.

Explanations
श्लोक #९२७
जो लुक-छिप मधु पान कर, खोते होश-हवास ।
भेद जान पुर-जन सदा, करते हैं परिहास ॥

Tamil Transliteration
Ullotri Ulloor Nakappatuvar Egngnaandrum
Kallotrik Kansaai Pavar.

Explanations
श्लोक #९२८
‘मधु पीना जाना नहीं’, तज देना यह घोष ।
पीने पर झट हो प्रकट, मन में गोपित दोष ॥

Tamil Transliteration
Kaliththariyen Enpadhu Kaivituka Nenjaththu
Oliththadhooum Aange Mikum.

Explanations
श्लोक #९२९
मद्यप का उपदेश से, होना होश-हवास ।
दीपक ले जल-मग्न की, करना यथा तलाश ॥

Tamil Transliteration
Kaliththaanaik Kaaranam Kaattudhal Keezhneerk
Kuliththaanaith Theeththureei Atru.

Explanations
श्लोक #९३०
बिना पिये रहते समय, मद-मस्त को निहार ।
सुस्ती का, पीते स्वयं, करता क्यों न विचार ॥

Tamil Transliteration
Kallunnaap Pozhdhir Kaliththaanaik Kaanungaal
Ullaankol Untadhan Sorvu.

Explanations
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