स्त्री- वश होना

Verses

श्लोक #९०१
स्त्री पर जो आसक्त हैं, उनको मिले न धर्म ।
अर्थार्थी के हित रहा, घृणित वस्तु वह कर्म ॥

Tamil Transliteration
Manaivizhaivaar Maanpayan Eydhaar Vinaivizhaiyaar
Ventaap Porulum Adhu.

Explanations
श्लोक #९०२
स्त्री लोलुप की संपदा, वह है पौरुष-त्यक्त ।
लज्जास्पद बन कर बड़ी, लज्जित करती सख्त ॥

Tamil Transliteration
Penaadhu Penvizhaivaan Aakkam Periyadhor
Naanaaka Naanuth Tharum.

Explanations
श्लोक #९०३
डरने की जो बान है, स्त्री से दब कर नीच ।
सदा रही लज्जाजनक, भले जनों के बीच ॥

Tamil Transliteration
Illaalkan Thaazhndha Iyalpinmai Egngnaandrum
Nallaarul Naanuth Tharum.

Explanations
श्लोक #९०४
गृहिणी से डर है जिसे, औ’ न मोक्ष की सिद्धि ।
उसकी कर्म-विदग्धता, पाती नहीं प्रसिद्धि ॥

Tamil Transliteration
Manaiyaalai Anjum Marumaiyi Laalan
Vinaiyaanmai Veereydha Lindru.

Explanations
श्लोक #९०५
पत्नी-भीरु सदा डरे, करने से वह कार्य ।
सज्जन लोगों के लिये, जो होते सत्कार्य ॥

Tamil Transliteration
Illaalai Anjuvaan Anjumar Regngnaandrum
Nallaarkku Nalla Seyal.

Explanations
श्लोक #९०६
जो डरते स्त्री-स्कंध से, जो है बाँस समान ।
यद्यपि रहते देव सम, उनका है नहिं मान ॥

Tamil Transliteration
Imaiyaarin Vaazhinum Paatilare Illaal
Amaiyaardhol Anju Pavar.

Explanations
श्लोक #९०७
स्त्री की आज्ञा पालता, जो पौरुष निर्लज्ज ॥
उससे बढ कर श्रेष्ठ है, स्त्री का स्त्रीत्व सलज्ज ॥

Tamil Transliteration
Penneval Seydhozhukum Aanmaiyin Naanutaip
Penne Perumai Utaiththu.

Explanations
श्लोक #९०८
चारु मुखी वंछित वही, करते हैं जो कर्म ।
भरते कमी न मित्र की, करते नहीं सुधर्म ॥

Tamil Transliteration
Nattaar Kuraimutiyaar Nandraatraar Nannudhalaal
Pettaangu Ozhuku Pavar.

Explanations
श्लोक #९०९
धर्म-कर्म औ’ प्रचुर धन, तथा अन्य जो काम ।
स्त्री के आज्ञापाल को, इनका नहिं अंजाम ॥

Tamil Transliteration
Aravinaiyum Aandra Porulum Piravinaiyum
Peneval Seyvaarkan Il.

Explanations
श्लोक #९१०
जिनका मन हो कर्मरत, औ’ जो हों धनवान ।
स्त्री-वशिता से उन्हें, कभी न है अज्ञान ॥

Tamil Transliteration
Enserndha Nenjath Thitanutaiyaarkku Egngnaandrum
Penserndhaam Pedhaimai Il.

Explanations
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