मैत्री की परख

Verses

श्लोक #७९१
जाँचे बिन मैत्री सदृश, हानि नहीं है अन्य ।
मित्र बना तो छूट नहीं, जिसमें वह सौजन्य ॥

Tamil Transliteration
Naataadhu Nattalir Ketillai Nattapin
Veetillai Natpaal Pavarkku.

Explanations
श्लोक #७९२
परख परख कर जो नहीं, किया गया सौहार्द ।
मरण दिलाता अन्त में, यों, करता वह आर्त ॥

Tamil Transliteration
Aaindhaaindhu Kollaadhaan Kenmai Kataimurai
Thaansaam Thuyaram Tharum.

Explanations
श्लोक #७९३
गुण को कुल को दोष को, जितने बन्धु अनल्प ।
उन सब को भी परख कर, कर मैत्री का कल्प ॥

Tamil Transliteration
Kunamum Kutimaiyum Kutramum Kundraa
Inanum Arindhiyaakka Natpu.

Explanations
श्लोक #७९४
जो लज्जित बदनाम से, रहते हैं कुलवान ।
कर लो उनकी मित्रता, कर भी मूल्य-प्रदान ॥

Tamil Transliteration
Kutippirandhu Thankan Pazhinaanu Vaanaik
Kotuththum Kolalventum Natpu.

Explanations
श्लोक #७९५
झिड़की दे कर या रुला, समझावे व्यवहार ।
ऐसे समर्थ को परख, मैत्री कर स्वीकार ॥

Tamil Transliteration
Azhachcholli Alladhu Itiththu Vazhakkariya
Vallaarnatapu Aaindhu Kolal.

Explanations
श्लोक #७९६
होने पर भी विपद के, बड़ा लाभ है एक ।
मित्र-खेत सब मापता, मान-दंड वह एक ॥

Tamil Transliteration
Kettinum Untor Urudhi Kilaignarai
Neetti Alappadhor Kol.

Explanations
श्लोक #७९७
मूर्खों के सौहार्द से, बच कर तजना साफ़ ।
इसको ही नर के लिये, कहा गया है लाभ ॥

Tamil Transliteration
Oodhiyam Enpadhu Oruvarkup Pedhaiyaar
Kenmai Oreei Vital.

Explanations
श्लोक #७९८
ऐसे कर्म न सोचिये, जिनसे घटे उमंग ।
मित्र न हो जो दुख में, छोड़ जायगा संग ॥

Tamil Transliteration
Ullarka Ullam Sirukuva Kollarka
Allarkan Aatraruppaar Natpu.

Explanations
श्लोक #७९९
विपद समय जो बन्धु जन, साथ छोड़ दें आप ।
मरण समय भी वह स्मरण, दिल को देगा ताप ॥

Tamil Transliteration
Ketungaalaik Kaivituvaar Kenmai Atungaalai
Ullinum Ullanj Chutum.

Explanations
श्लोक #८००
निर्मल चरित्रवान की, मैत्री लेना जोड़ ।
कुछ दे सही अयोग्य की, मैत्री देना छोड़ ॥

Tamil Transliteration
Maruvuka Maasatraar Kenmaion Reeththum
Oruvuka Oppilaar Natpu.

Explanations
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