श्लोक - ८००

श्लोक 800
श्लोक #८००
निर्मल चरित्रवान की, मैत्री लेना जोड़ ।
कुछ दे सही अयोग्य की, मैत्री देना छोड़ ॥

Tamil Transliteration
Maruvuka Maasatraar Kenmaion Reeththum
Oruvuka Oppilaar Natpu.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterमैत्री की परख