श्लोक - ७९३

श्लोक 793
श्लोक #७९३
गुण को कुल को दोष को, जितने बन्धु अनल्प ।
उन सब को भी परख कर, कर मैत्री का कल्प ॥

Tamil Transliteration
Kunamum Kutimaiyum Kutramum Kundraa
Inanum Arindhiyaakka Natpu.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterमैत्री की परख