मैत्री

Verses

श्लोक #७८१
करने को मैत्री सदृश, कृति है कौन महान ।
दुर्लभ-रक्षक शत्रु से, उसके कौन समान ॥

Tamil Transliteration
Seyarkariya Yaavula Natpin Adhupol
Vinaikkariya Yaavula Kaappu.

Explanations
श्लोक #७८२
प्राज्ञ मित्रता यों बढ़े, यथा दूज का चाँद ।
मूर्ख मित्रता यों घटे, ज्यों पूनो के बाद ॥

Tamil Transliteration
Niraineera Neeravar Kenmai Piraimadhip
Pinneera Pedhaiyaar Natpu.

Explanations
श्लोक #७८३
करते करते अध्ययन्, अधिक सुखद ज्यों ग्रन्थ ।
परिचय बढ़ बढ़ सुजन की, मैत्री दे आनन्द ॥

Tamil Transliteration
Navildhorum Noolnayam Polum Payildhorum
Panputai Yaalar Thotarpu.

Explanations
श्लोक #७८४
हँसी-खेल करना नहीं, मैत्री का उपकार ।
आगे बढ़ अति देख कर, करना है फटकार ॥

Tamil Transliteration
Nakudhar Poruttandru Nattal Mikudhikkan
Mersenaru Itiththar Poruttu.

Explanations
श्लोक #७८५
परिचय औ’ संपर्क की, नहीं ज़रूरत यार ।
देता है भावैक्य ही, मैत्री का अधिकार ॥

Tamil Transliteration
Punarchchi Pazhakudhal Ventaa Unarchchidhaan
Natpaang Kizhamai Tharum.

Explanations
श्लोक #७८६
केवल मुख खिल जाय तो, मैत्री कहा न जाय ।
सही मित्रता है वही, जिससे जी खिल जाय ॥

Tamil Transliteration
Mukanaka Natpadhu Natpandru Nenjaththu
Akanaka Natpadhu Natpu.

Explanations
श्लोक #७८७
चला सुपथ पर मित्र को, हटा कुपथ से दूर ।
सह सकती दुख विपद में, मैत्री वही ज़रूर ॥

Tamil Transliteration
Azhivi Navaineekki Aaruyththu Azhivinkan
Allal Uzhappadhaam Natpu.

Explanations
श्लोक #७८८
ज्यों धोती के खिसकते, थाम उसे ले हस्त ।
मित्र वही जो दुःख हो, तो झट कर दे पस्त ॥

Tamil Transliteration
Utukkai Izhandhavan Kaipola Aange
Itukkan Kalaivadhaam Natpu.

Explanations
श्लोक #७८९
यथा शक्ति सब काल में, भेद बिना उपकार ।
करने की क्षमता सुदृढ़, है मैत्री-दरबार ॥

Tamil Transliteration
Natpirku Veetrirukkai Yaadhenin Kotpindri
Ollumvaai Oondrum Nilai.

Explanations
श्लोक #७९०
‘ऐसे ये मेरे लिये’, ‘मैं हूँ इनका यार’ ।
मैत्री की महिमा गयी, यों करते उपचार ॥

Tamil Transliteration
Inaiyar Ivaremakku Innamyaam Endru
Punaiyinum Pullennum Natpu.

Explanations
🡱