दुर्गी

Verses

श्लोक #७४१
आक्रामक को दुर्ग है, साधन महत्वपूर्ण ।
शरणार्थी-रक्षक वही, जो रिपु-भय से चूर्ण ॥

Tamil Transliteration
Aatru Pavarkkum Aranporul Anjiththar
Potru Pavarkkum Porul.

Explanations
श्लोक #७४२
मणि सम जल, मरु भूमि औ’, जंगल घना पहाड़ ।
कहलाता है दुर्ग वह, जब हो इनसे आड़ ॥

Tamil Transliteration
Manineerum Mannum Malaiyum Aninizhar
Kaatum Utaiya Tharan.

Explanations
श्लोक #७४३
उँचा, चौड़ा और दृढ़, अगम्य भी अत्यंत ।
चारों गुणयुत दुर्ग है, यों कहते हैं ग्रन्थ ॥

Tamil Transliteration
Uyarvakalam Thinmai Arumaiin Naankin
Amaivaran Endruraikkum Nool.

Explanations
श्लोक #७४४
अति विस्तृत होते हुए, रक्षणीय थल तंग ।
दुर्ग वही जो शत्रु का, करता नष्ट उमंग ॥

Tamil Transliteration
Sirukaappir Peritaththa Thaaki Urupakai
Ookkam Azhippa Tharan.

Explanations
श्लोक #७४५
जो रहता दुर्जेय है, रखता यथेष्ट अन्न ।
अंतरस्थ टिकते सुलभ, दुर्ग वही संपन्न ॥

Tamil Transliteration
Kolarkaridhaaik Kontakoozhth Thaaki Akaththaar
Nilaikkelidhaam Neeradhu Aran.

Explanations
श्लोक #७४६
कहलाता है दुर्ग वह, जो रख सभी पदार्थ ।
देता संकट काल में, योग्य वीर रक्षार्थ ॥

Tamil Transliteration
Ellaap Porulum Utaiththaai Itaththudhavum
Nallaal Utaiyadhu Aran.

Explanations
श्लोक #७४७
पिल पड़ कर या घेर कर, या करके छलछिद्र ।
जिसको हथिया ना सके, है वह दुर्ग विचित्र ॥

Tamil Transliteration
Mutriyum Mutraa Therindhum Araippatuththum
Patrar Kariyadhu Aran.

Explanations
श्लोक #७४८
दुर्ग वही यदि चतुर रिपु, घेरा डालें घोर ।
अंतरस्थ डट कर लडें, पावें जय बरज़ोर ॥

Tamil Transliteration
Mutraatri Mutri Yavaraiyum Patraatrip
Patriyaar Velvadhu Aran.

Explanations
श्लोक #७४९
शत्रु-नाश हो युद्ध में, ऐसे शस्त्र प्रयोग ।
करने के साधन जहाँ, है गढ़ वही अमोघ ॥

Tamil Transliteration
Munaimukaththu Maatralar Saaya Vinaimukaththu
Veereydhi Maanta Tharan.

Explanations
श्लोक #७५०
गढ़-रक्षक रण-कार्य में, यदि हैं नहीं समर्थ ।
अत्युत्तम गढ़ क्यों न हो, होता है वह व्यर्थ ॥

Tamil Transliteration
Enaimaatchith Thaakiyak Kannum Vinaimaatchi
Illaarkan Illadhu Aran.

Explanations
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