श्लोक - ७४७
पिल पड़ कर या घेर कर, या करके छलछिद्र ।
जिसको हथिया ना सके, है वह दुर्ग विचित्र ॥
Tamil Transliteration
Mutriyum Mutraa Therindhum Araippatuththum
Patrar Kariyadhu Aran.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 061 to 070 |
chapter | दुर्गी |