कर्म करने की रीति

Verses

श्लोक #६७१
निश्चय कर लेना रहा, विचार का परिणाम ।
हानि करेगा देर से, रुकना निश्चित काम ॥

Tamil Transliteration
Soozhchchi Mutivu Thuniveydhal Aththunivu
Thaazhchchiyul Thangudhal Theedhu.

Explanations
श्लोक #६७२
जो विलम्ब के योग्य है, करो उसे सविलम्ब ।
जो होना अविलम्ब ही, करो उसे अविलम्ब ॥

Tamil Transliteration
Thoonguka Thoongich Cheyarpaala Thoongarka
Thoongaadhu Seyyum Vinai.

Explanations
श्लोक #६७३
जहाँ जहाँ वश चल सके, भलाकार्य हो जाय ।
वश न चले तो कीजिये, संभव देख उपाय ॥

Tamil Transliteration
Ollumvaa Yellaam Vinainandre Ollaakkaal
Sellumvaai Nokkich Cheyal.

Explanations
श्लोक #६७४
कर्म-शेष रखना तथा, शत्रु जनों में शेष ।
अग्नि-शेष सम ही करें, दोनों हानि विशेष ॥

Tamil Transliteration
Vinaipakai Endrirantin Echcham Ninaiyungaal
Theeyechcham Polath Therum.

Explanations
श्लोक #६७५
धन साधन अवसर तथा, स्थान व निश्चित कर्म ।
पाँचों पर भ्रम के बिना, विचार कर कर कर्म ॥

Tamil Transliteration
Porulkaruvi Kaalam Vinaiyitanotu Aindhum
Iruldheera Ennich Cheyal.

Explanations
श्लोक #६७६
साधन में श्रम, विघ्न भी, पूरा हो जब कर्म ।
प्राप लाभ कितना बड़ा, देख इन्हें कर कर्म ॥

Tamil Transliteration
Mutivum Itaiyoorum Mutriyaangu Eydhum
Patupayanum Paarththuch Cheyal.

Explanations
श्लोक #६७७
विधि है कर्मी को यही, जब करता है कर्म ।
उसके अति मर्मज्ञ से, ग्रहण करे वह मर्म ॥

Tamil Transliteration
Seyvinai Seyvaan Seyanmurai Avvinai
Ullarivaan Ullam Kolal.

Explanations
श्लोक #६७८
एक कर्म करते हुए, और कर्म हो जाय ।
मद गज से मद-मत्त गज, जैसे पकड़ा जाय ॥

Tamil Transliteration
Vinaiyaan Vinaiyaakkik Kotal Nanaikavul
Yaanaiyaal Yaanaiyaath Thatru.

Explanations
श्लोक #६७९
करने से हित कार्य भी, मित्रों के उपयुक्त ।
शत्रु जनों को शीघ्र ही, मित्र बनाना युक्त ॥

Tamil Transliteration
Nattaarkku Nalla Seyalin Viraindhadhe
Ottaarai Ottik Kolal.

Explanations
श्लोक #६८०
भीति समझकर स्वजन की, मंत्री जो कमज़ोर ।
संधि करेंगे नमन कर, रिपु यदि है बरज़ोर ॥

Tamil Transliteration
Uraisiriyaar Ulnatungal Anjik Kuraiperin
Kolvar Periyaarp Panindhu.

Explanations
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