कर्म में दृढ़ता

Verses

श्लोक #६६१
दृढ़ रहना ही कर्म में, मन की दृढ़ता जान ।
दृढ़ता कहलाती नहीं, जो है दृढ़ता आन ॥

Tamil Transliteration
Vinaiththitpam Enpadhu Oruvan Manaththitpam
Matraiya Ellaam Pira.

Explanations
श्लोक #६६२
दुष्ट न करना, यदि हुआ, तो फिर न हो अधीर ।
मत यह है नीतिज्ञ का, दो पथ मानें मीर ॥

Tamil Transliteration
Oororaal Utrapin Olkaamai Ivvirantin
Aarenpar Aaindhavar Kol.

Explanations
श्लोक #६६३
प्रकट किया कर्मान्त में, तो है योग्य सुधीर ।
प्रकट किया यदि बीच में, देगा अनन्त पीर ॥

Tamil Transliteration
663, Kataikkotkach Cheydhakka Thaanmai Itaikkotkin
Etraa Vizhuman Tharum.

Explanations
श्लोक #६६४
कहना तो सब के लिये, रहता है आसान ।
करना जो जैसा कहे, है दुस्साध्य निदान ॥

Tamil Transliteration
Solludhal Yaarkkum Eliya Ariyavaam
Solliya Vannam Seyal.

Explanations
श्लोक #६६५
कीर्ति दिला कर सचित को, कर्म-निष्ठता-बान ।
नृप पर डाल प्रभाव वह, पावेगी सम्मान ॥

Tamil Transliteration
Veereydhi Maantaar Vinaiththitpam Vendhankan
Ooreydhi Ullap Patum.

Explanations
श्लोक #६६६
संकल्पित सब वस्तुएँ, यथा किया संकल्प ।
संकल्पक का जायगा, यदि वह दृढ़-संकल्प ॥

Tamil Transliteration
Enniya Enniyaangu Eydhu Enniyaar
Thinniyar Aakap Perin.

Explanations
श्लोक #६६७
तिरस्कार करना नहीं, छोटा क़द अवलोक ।
चलते भारी यान में, अक्ष-आणि सम लोग ॥

Tamil Transliteration
Uruvukantu Ellaamai Ventum Urulperundherkku
Achchaani Annaar Utaiththu.

Explanations
श्लोक #६६८
सोच समझ निश्चय किया, करने का जो कर्म ।
हिचके बिन अविलम्ब ही, कर देना वह कर्म ॥

Tamil Transliteration
Kalangaadhu Kanta Vinaikkan Thulangaadhu
Thookkang Katindhu Seyal.

Explanations
श्लोक #६६९
यद्यपि होगा बहुत दुख, दृढ़ता से काम ।
सुख-फल दायक ही रहा, जिसका शुभ परिणाम ॥

Tamil Transliteration
Thunpam Uravarinum Seyka Thunivaatri
Inpam Payakkum Vinai.

Explanations
श्लोक #६७०
अन्य विषय में सदृढ़ता, रखते सचिव सुजान ।
यदि दृढ़ता नहिं कर्म की, जग न करेगा मान ॥

Tamil Transliteration
Enaiththitpam Ey Thiyak Kannum Vinaiththitpam
Ventaarai Ventaadhu Ulaku.

Explanations
🡱