श्लोक - ६७२

श्लोक 672
श्लोक #६७२
जो विलम्ब के योग्य है, करो उसे सविलम्ब ।
जो होना अविलम्ब ही, करो उसे अविलम्ब ॥

Tamil Transliteration
Thoonguka Thoongich Cheyarpaala Thoongarka
Thoongaadhu Seyyum Vinai.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 051 to 060
chapterकर्म करने की रीति