श्लोक - ९९५
परिहासेऽप्यन्यनिन्दाकरणं दु:खमावहेत् ।
परानुसरणादज्ञा भवन्ति सुगुणान्विता: ॥
Tamil Transliteration
Nakaiyullum Innaa Thikazhchchi Pakaiyullum
Panpula Paatarivaar Maattu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | अनुसृत्य प्रवर्तनम् |