श्लोक - ९९६
विशिष्टगुणिनां सत्त्वाल्लोकोद्यापि प्रवर्तते ।
तदभावे प्रपञ्चोऽयं भुवि मग्नो भवेत् किल ॥
Tamil Transliteration
Panputaiyaarp Pattuntu Ulakam Adhuindrel
Manpukku Maaivadhu Man.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | अनुसृत्य प्रवर्तनम् |