श्लोक - ९८
परदु:खाय या न स्यु: प्रयुक्ता मधुरोक्तय: ।
ऐहिकामुष्मिकं सौख्यं प्रयोक्तुर्वितरन्ति ता: ॥
Tamil Transliteration
Sirumaiyul Neengiya Insol Marumaiyum
Immaiyum Inpam Tharum.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | मधुरालाप: |