श्लोक - ९४७

श्लोक 947
श्लोक #९४७
जीर्णशक्तिमतिक्रम्य यथावदविमृश्य च ।
भूरि भुक्तवतो नानारोगा: प्रदुर्भवन्त्यहो ॥

Tamil Transliteration
Theeyala Vandrith Theriyaan Peridhunnin
Noyala Vindrip Patum.

Sectionभाग–२: अर्थ-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterऔषधम्