श्लोक - ९४८
रोगतत्वं परामृश्य ज्ञात्वा रोगस्य कारणम् ।
शमनोपायमालोच्य वैद्य: कुर्यान्निवारणम् ॥
Tamil Transliteration
Noinaati Noimudhal Naati Adhudhanikkum
Vaainaati Vaaippach Cheyal.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | औषधम् |