श्लोक - ९२
सहर्षे च दरिद्रेभ्य: कृतात् दानादनिन्दितात् ।
प्रसन्नवदनस्यैतत् श्रेष्ठं मधुरभाषणम् ॥
Tamil Transliteration
Akanamarndhu Eedhalin Nandre Mukanamarndhu
Insolan Aakap Perin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | मधुरालाप: |