श्लोक - ९१
यत् कथ्यते धर्मविद्भि: सदयं प्रेमपूर्वकम् ।
वञ्चनारहितं तत्तु भवेन्मधुरभाषणम् ॥
Tamil Transliteration
Insolaal Eeram Alaiip Patiruilavaam
Semporul Kantaarvaaich Chol.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | मधुरालाप: |