श्लोक - ९०४
भार्याभीरुर्न लभते लोकान्तरसुखं स्थिरम् ।
कार्यनिर्वाहसामर्थ्यं न तस्य श्लाघ्यते बुधै: ॥
Tamil Transliteration
Manaiyaalai Anjum Marumaiyi Laalan
Vinaiyaanmai Veereydha Lindru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | भार्यानुवर्तनम् |