श्लोक - ९०३
आत्मगौरवमुत्सृज्य य: पत्न्यां भीतिमान् भवेत् ।
अतथाभूतमहतामग्रे लज्जां स विन्दते ॥
Tamil Transliteration
Illaalkan Thaazhndha Iyalpinmai Egngnaandrum
Nallaarul Naanuth Tharum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | भार्यानुवर्तनम् |