श्लोक - ९०२
लक्ष्यमुत्सृज्य कामार्थं भार्यावचनकारिभि: ।
लब्धं वित्तं भवेत्तेषां नूनं लज्जाप्रदायकम् ॥
Tamil Transliteration
Penaadhu Penvizhaivaan Aakkam Periyadhor
Naanaaka Naanuth Tharum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | भार्यानुवर्तनम् |