श्लोक - ८०
स देहो जीवसहित्: य: प्रेमवशमागत: ।
चर्मावृतास्थिकृट:स्यात् प्रेम्णा विरहितस्तु य: ॥
Tamil Transliteration
Anpin Vazhiyadhu Uyirnilai Aqdhilaarkku
Enpudhol Porththa Utampu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | प्रीति: |