श्लोक - ७९
देहान्तरङ्गभूतेन प्रेम्णा र्हितदेहिनाम् ।
बाहयाङ्गसामवायेन फलं नैव भवेद् ध्रुवम् ॥
Tamil Transliteration
Puraththurup Pellaam Evanseyyum Yaakkai
Akaththuruppu Anpi Lavarkku.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | प्रीति: |