श्लोक - ८१
सम्भारा: सम्भ्रियन्ते ये गृहस्थाश्रमवासिना ।
सर्वे ते विनियोक्तव्या: सदैवातिथिपूजने ॥
Tamil Transliteration
Irundhompi Ilvaazhva Thellaam Virundhompi
Velaanmai Seydhar Poruttu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | अतिथिसत्कार: |