श्लोक - ७४
करुते स्वजनप्रेम सव सौहार्दजीवनम् ।
तदेव वर्धयेत् स्नेहमधिकं सर्वजन्तुषु ॥
Tamil Transliteration
Anpu Eenum Aarvam Utaimai Adhueenum
Nanpu Ennum Naataach Chirappu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | प्रीति: |