श्लोक - ६९४
राज्ञि पश्यति चान्येषां श्रोत्रयोर्गुप्तभाषणम् ।
सहान्यैर्हास्यवचनं प्रयोक्तव्यं न मन्त्रिणा ॥
Tamil Transliteration
Sevichchollum Serndha Nakaiyum Aviththozhukal
Aandra Periyaa Rakaththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | राजसेवा |