श्लोक - ६५२
इह कीर्ति: परे पुण्यं न सिद्धयेद्येन कर्मणा ।
सर्वदा तन्न कर्तव्यं मन्त्रिणा भूतिमिच्छता ॥
Tamil Transliteration
Endrum Oruvudhal Ventum Pukazhotu
Nandri Payavaa Vinai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | क्रियाशुद्धि |