श्लोक - ६५१
समीचीनेन साह्येन सम्पत् केवलमाप्यते ।
यदि कर्म भवेत् सुष्ठु सर्वं तेन हि सिद्ध्यति ॥
Tamil Transliteration
Thunainalam Aakkam Tharuum Vinainalam
Ventiya Ellaan Tharum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | क्रियाशुद्धि |