श्लोक - ६०८
आलस्याभिहितो दोष: सत्कुले जनुषं नरम् ।
यद्याप्नोति झाडित्येष: शत्रूणां वशमानयेत् ॥
Tamil Transliteration
Matimai Kutimaikkan Thangindhan Onnaarkku
Atimai Pukuththi Vitum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | आलस्याभाव |