श्लोक - ६०७
विशेषयत्नरहिता: कार्येष्वालस्यभाग्जना: ।
क्रूरवाक्यैर्विनिन्द्यास्ते भवन्ति सुहृदां पुर: ॥
Tamil Transliteration
Itipurindhu Ellunj Chol Ketpar Matipurindhu
Maanta Ugnatri Lavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | आलस्याभाव |