श्लोक - ६०९
कुलीनत्वं पौरुषं च तस्य स्याद्दोषवर्जितम् ।
आलस्यरूपदोषेण यो भवेन्न वशीकृत: ॥
Tamil Transliteration
Kutiyaanmai Yulvandha Kutram Oruvan
Matiyaanmai Maatrak Ketum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | आलस्याभाव |