श्लोक - ५८७
अनेकगुप्तविषयान् बहिरानाय्य मेधया ।
ज्ञात्वा यथावद् भूपाय कथनं चारलक्षणम् ॥
Tamil Transliteration
Maraindhavai Ketkavar Raaki Arindhavai
Aiyappaatu Illadhe Otru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | चारप्रेषणम् |