श्लोक - ५८५
परदुर्ज्ञेयविषयान् निर्भीत: शत्रुसन्निधौ ।
गूढार्थगोपनपटु: चार इत्यभिधीयते ॥
Tamil Transliteration
Kataaa Uruvotu Kannanjaadhu Yaantum
Ukaaamai Valladhe Otru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | चारप्रेषणम् |