श्लोक - ५८४
सेवकान् बान्धवान् शत्रून् सर्वान् वाचा च कर्मणा ।
विमृश्य राज्ञे विषयदाता चार इति श्रुत: ॥
Tamil Transliteration
Vinaiseyvaar Thamsutram Ventaadhaar Endraangu
Anaivaraiyum Aaraaivadhu Otru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | चारप्रेषणम् |