श्लोक - ५५०
मृतिदण्डप्रदानं तु पापिनामाततायिनाम् ।
तृणानिर्मूलनसमं रूढसस्याभिवृद्धये ॥
Tamil Transliteration
Kolaiyir Kotiyaarai Vendhoruththal Paingoozh
Kalaikat Tadhanotu Ner.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | नीतिपरिपालनम् |