श्लोक - ४६४
"इयाँलाभ" इति स्पष्टमज्ञात्वा कर्मणि प्रजा: ।
सहसा न प्रवर्तन्ते मानहानिभयार्दिता: ॥
Tamil Transliteration
Thelivi Ladhanaith Thotangaar Ilivennum
Edhappaatu Anju Pavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 47 |