श्लोक - ४६३

श्लोक 463
श्लोक #४६३
भाविलाभेच्छया हस्ते स्थितं मूलधनं बहु ।
बुद्धिमान्तो नरा नैव व्ययीकुर्वन्ति सर्वदा ॥

Tamil Transliteration
Aakkam Karudhi Mudhalizhakkum Seyvinai
Ookkaar Arivutai Yaar.

Sectionभाग–२: अर्थ-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 039 to 050
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