श्लोक - ४६२
परीक्ष्य सुगृहीतेन सन्मित्रेण विमृश्य च ।
स्वयं चालोच्य य: कुर्यादसाध्यं तस्य किं भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Therindha Inaththotu Therndhennich Cheyvaarkku
Arumporul Yaadhondrum Il.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 47 |